लीसेस्टर विश्वविद्यालय में सामग्री अनुसंधान केंद्र से डॉ गिलाउम ज़ांटे का कहना है कि सोडियम क्लोराइड से बने 'नियमित' नमकीन पानी के विपरीत, हमने कोलीन क्लोराइड (चिकन फ़ीड) और कैल्शियम क्लोराइड (एक डी-आइसिंग एजेंट) का इस्तेमाल किया, लेकिन वहां कई अलग-अलग लवण हैं जिनकी आगे के अध्ययन में जांच की जा सकती है।
सौर कोशिकाओं से चांदी और एल्यूमीनियम निकालने के लिए नई प्रक्रिया में ब्राइन में घुले आयरन क्लोराइड और एल्युमिनियम क्लोराइड का उपयोग किया जाता है। यह कुछ ही मिनटों में 90 प्रतिशत से अधिक चांदी और एल्यूमीनियम निकालने में सक्षम है।
इसके अलावा, ब्राइन पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ लागत प्रभावी भी हैं। इसके विकल्प, खनिज एसिड, नाइट्रिक एसिड जैसे रसायनों के साथ खतरनाक हैं, जो अम्लीय वर्षा और अन्य जलवायु-परिवर्तन-संबंधी चिंताओं में योगदान करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "ब्राइन धातु प्रसंस्करण के लिए उपयोग किए जाने वाले जहरीले खनिज एसिड के कम कीमत के कारण एक विश्वसनीय विकल्प हैं। अब हम स्मार्टफोन, थर्मोइलेक्ट्रिक सामग्री और मैग्नेट जैसे कचरे के विभिन्न स्रोतों से विभिन्न धातुओं के लिए एक ही दृष्टिकोण लागू करने का प्रयास कर रहे हैं।"
स्रोत : आईटी