केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली विकसित करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन की तैनाती के तंत्र को अंतिम रूप दे दिया है। बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) नवीकरणीय ऊर्जा की चौबीसों घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्री ने 4,000 मेगावाट घंटे (एमडब्ल्यूएच) की क्षमता के साथ बीईएसएस के विकास के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण की योजना के संचालन के लिए संरचना को अंतिम रूप देने के लिए 22 फरवरी को एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बिजली मंत्रालय के अधिकारी और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, ग्रिड इंडिया और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के अधिकारी उपस्थित थे।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए उर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार बिजली की मांग के साथ-साथ ऊर्जा संक्रमण की तेजी से बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना के माध्यम से बीईएसएस क्षमता की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी। मंत्री ने कहा कि जब हमारे पास दिन के दौरान अतिरिक्त सौर ऊर्जा और शाम के दौरान अतिरिक्त पवन ऊर्जा होती है, तो पर्याप्त भंडारण प्रणाली के अभाव में ऊर्जा बर्बाद हो जाएगी। बयान में कहा गया है कि इस बात पर चर्चा की गई कि बीईएसएस को चरम मांग के दौरान बिजली देने में सक्षम होना चाहिए और साथ ही ग्रिड को स्थिर करना चाहिए। इसके अलावा, मंत्रालय ने अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए भंडारण प्रणाली स्थापित करने के लिए संभावित स्थानों के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा से समृद्ध राज्यों में विभिन्न साइटों पर भी चर्चा की।